India ka Medicine
शनिवार, 20 मई 2023
ककड़ी का सेवन से होने वाले शारीरिक लाभ
बुधवार, 29 दिसंबर 2021
अदरक,तुलसी और लौंग और आयुर्वेद के चमत्कारिक लाभ
सोमवार, 7 जून 2021
खीरे के अद्भुत फायदे।जाने खीरे के चमत्कारिक गुण।
खीरा में 90% पानी की मात्रा होती है|
इसको भोजन के साथ सलाद के रूप में प्रयोग करें|
इसके छिलके में फाईबर और पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं|
कम फैट व कैलोरी से भरपूर खीरे का सेवन आपको कई बीमारियों से बचाने में मदद करता है।
सलाड के रूप में प्रयोग किए जाने वाले खीरे में इरेप्सिन नामक एंजाइम होता है, जो प्रोटीन को पचाने में सहायता करता है।
खीरे में विटामिन ए, बी1, बी6 सी,डी पौटेशियम, फास्फोरस, आयरन आदि भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं।
नियमित रुप से खीरे का सेवन करने से शरीर अंदर व बाहर से मजबूत बनता है।
खीरा कब्ज व पेट से जुड़ी हर समस्या में फायदेमंद होता है।
छाती की जलन में नियमित रूप से खीरा खाना लाभदायक होता है।
खीरा त्वचा को सनबर्न से भी बचाता है। खीरे में मौजूद एस्कोरबिक एसिड व कैफीक एसिड पानी की कमी को कम करता है।
खीरे में सिलिकन व सल्फर बालों की ग्रोथ में मदद करते हैं।
शुक्रवार, 7 मई 2021
तांबे के बर्तन में पानी पीने के चमत्कारिक लाभ
पानी पीने के लिए तांबे का बर्तन सबसे उत्तम माना गया है। इसके अलावा आप मिट्टी के बर्तन से भी पानी पी सकते हैं। तांबे के बर्तन में पानी पीने से रक्त संबंधी रोग नहीं होते है।
डाइजेशन सिस्टम को मजबूत करता है तांबा
लिवर और किडनी सभी को डिटॉक्स करता है। ...
अर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द से दे राहत मिलती है
स्किन के लिए फायदेमंद होता है।
वजन कम करने में कारगर होता है।
दिमाग तेज करने में बहुत मददगार होता है।
ऐसे करें इसका इस्तेमाल
आयुर्वेद ही नहीं, विज्ञान ने भी तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना लाभकारी बताया है। इस पानी का पूरी तरह से लाभ तभी मिलता है, जब तांबे के बरतन में कम से कम 8 घंटे तक पानी रखा जाए। इसलिए लोग रात को तांबे के बर्तन में पानी भरकर सोते हैं, जिससे सुबह उठकर सबसे पहले इस पानी का सेवन कर सकें।
बुधवार, 5 मई 2021
ओमेगा-3 फैटी एसिड के चमत्कारिक गुण और इसकी कमी से होने वाले रोग और इसके अच्छे स्रोत
ओमेगा 3 फैटी एसिड के बारे में बहुत कम लोगों को जानते है। हो सकता है आप भी इसके गुण के बारे में पहली बार पढ़ रहे हैं। अगर सही में ऐसा है तो आपको यह जानना बहुत जरूरी है क्योंकि इसकी कमी से बहुत गंभीर नुकसान हो सकता है।
ओमेगा 3 एक फैटी एसिड है। यह मुख्य तीन प्रकार का होता है जिसमें एएलए (अल्फा-लिनोलेनिक एसिड) ओमेगा पौधों में पाया जाता है, जबकि डीएचए (डोकोस्मेरानोइक एसिड) और ईपीए (इकोसापैनटोलाइनिनिक एसिड) ओमेगा पशु खाद्य पदार्थों में होता है। यह शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी पोषक तत्व है जिसकी पर्याप्त मात्रा से आपका शरीर स्वस्थ बना रहता है।
त्वचा के लिए फायदेमंद
ओमेगा-3 अल्ट्रा वायलेट किरणों के कारण उत्पन्न सूजन और हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या को दूर रखने का काम कर सकता है और रूखी त्वचा और डर्मेटाइटिस (त्वचा में सूजन, खुजली, जलन और लाल चकत्ते) पर सकारात्मक प्रभाव दिखा सकता है और घाव को जल्द भरने में मदद कर सकता है।
ओमेगा 3 के शाकाहारी स्रोत और मात्रा
अलसी, सोयाबीन तेल, सरसों और मेथी की बीज, काला चना, लाल राजमा, सहजन की पत्तियां, पालक, अखरोट, खोआ आदि।
अलसी- 12.96 g
अखरोट- 8.71 g
सरसों के बीज- 3.34 g
सफेद सोयाबीन- 1.3 g
मेथी के बीज – 1.08 g
काला चना – 0.6 g
लाल राजमा – 0.5 g
सहजन की पत्तियां – 0.4 g
खोआ – 0.2 g
पालक -0.2 g
ओमेगा 3 के मांसाहारी स्रोत
मछली ओमेगा-3 फैटी एसिड का सबसे अच्छा स्रोत है।
सूजन से राहत
यह सूजन से भी राहत देता है। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव पाए जाते हैं, जो सूजन कम करता है। गठिया, अस्थमा और इंफ्लेमेटरी बाउल डिसऑर्डर से जुड़ी सूजन की समस्या में भी यह फायदेमंद है।
आंखों के लिए फायदेमंद –
DHA (Docosahexaenoic acid)मस्तिष्क और आंखों के लिए जरूरी तत्व ओमेगा 3 का ही एक प्रकार होता है। यह मस्तिष्क और आंखों की रेटिना के लिए जरूरी माना जाता है। जब आप पर्याप्त मात्रा में डीएचए ग्रहण नहीं करते हैं, तो इससे आपकी आंखों को नुकसान होता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि अधिक मात्रा में ओमेगा-3 लेने से मैक्युलर डीजेनेरेशन (Macular degeneration) के जोखिम कम हो जाते हैं। मैक्युलर डीजेनेरेशन आंखों की समस्याओं में से एक है, इसमें आपको धुंधाला दिखाई देता है या दिखना कम हो जाता है।
कैंसर रोकने में लाभदायक
ओमेगा 3 फैटी एसिड को कैंसर रोकने में भी फायदेमंद माना जाता है। एक शोध के अनुसार, जो लोग अधिक मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन करते हैं उनमें कोलोन कैंसर होने की संभावना 55% कम हो जाती है। इसके साथ ही यह कैंसर के कई और प्रकार में भी फायदेमंद होता है।
डिप्रेशन और चिंता में राहत ...
आँखों के स्वास्थ्य में सुधार ...
हृदय रोग के खतरे को कम करता है ...
सूजन से राहत ...
मानसिक विकलांगता और अल्जाइमर में राहत
आपको रोजाना कितनी मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड की जरूरत है
एनआईएच ने पुरुष, महिला और बच्चों के लिए उनकी उम्र के अनुसार भिन्न-भिन्न मात्राएं निर्धारित की हैं।
बच्चे (12 महीने तक) - 0.5 gm
बच्चे (1 से 3 साल तक) - 0.7 gm
बच्चे (4 से 8 वर्ष तक) - 0.9 gm
लड़का (9 से 13 वर्ष तक) - 1.2 gm
लड़कियां (9 से 13 वर्ष तक) - 1.0 gm
युएर्ट (14 से 18 वर्ष तक) - 1.6 gm
युवतियां (14 से 18 वर्ष तक) - 1.1 gm
पुरुष (19 से 50 वर्ष तक) -1.6 gm
महिलाएं (19 से 50 वर्ष तक) -1.1 gm
पुरुष (50 वर्ष से अधिक) -1.6 gm
महिलाएं (50 वर्ष से अधिक) - 1.1 gm
गर्भवती महिलाओं- 1.4 gm
स्तनपान कराने वाली महिलाएं- 1.3 gm
रविवार, 2 मई 2021
शनिवार, 1 मई 2021
ओमेगा-9 फैटी एसिड के फायदे/Benefits of omega-9 fatty acids
सर्दी,खासी,जुखाम,कफ से बचने का घरेलू उपाय
1. हल्दी
2. मुरैठी
3.लौंग
4. कालीमिर्च
5. अजवाइन
6.सेंधा नमक
7.देशी घी
काढ़ा बनाने की विधि:
हल्दी,मुरैठी,लौंग, कालीमिर्च,अजवाइन, को पानी में डाल कर इसको उबाल लें । उसके बाद इसे ठंडा होने के लिए रख दे ।उसके बाद इसमें 1
चम्मच देशी घी डाले और स्वादानुसार सेंधा नमक डाल ले।इसके बाद इसको पिए।
इसको पीने से आप को जल्दी ही सर्दी,खासी,कफ से आराम मिलेगा।
शुक्रवार, 30 अप्रैल 2021
घर पर देशी घी बनाने की विधि और फायदे
देशी घी बनाने का विधि -
• दूध को गर्म करके ठंडा करने पर जमी मलाई को एक अलग पतीले में इकट्ठा कर लें।
• उसके बाद इसे तब तक फेंटे जब तक यह सफेद मक्खन के रूप में बदल न जाए।
• उसके बाद मक्खन को कढ़ाई में हल्की आंच पर पकने दें और बीच-बीच में मक्खन को चलाते रहें।
• कुछ ही देर बाद घी ऊपर आ जाएगा और मक्खन पक कर कढ़ाई में नीचे रह जाएगा।
• उसके बाद एक साफ बर्तन में देशी घी को छान लें।
देशी घी के इस्तेमाल से होने वाले फायदे :
1.इसमें सैच्यूरेटेड फैट्स पाए जाते हैं जो शरीर के लिए अच्छे होते हैं, यहां तक की ये मक्खन से ज्यादा बेहतर है।
2. देशी घी में ओमेगा 3 और ओमेगा-9 फैटी एसिड पाए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद हैं।
3.यह आसानी से पच जाता है और कोलेस्ट्रॉल संबंधित परेशानियों को खत्म करता है।
4.इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं जो आपकी इम्यूनिटी को मजबूत करता है।
5. देशी घी में मौजूद विटामिन्स और मिनरल्स शरीर आसानी से सोखता है।
6.यह वजन घटाने में भी मदद करता है।
गुरुवार, 29 अप्रैल 2021
स्वस्थ फेफड़ों के लिए 15 सर्वश्रेष्ठ भोजन/ 15 best food for healthy lungs
बुधवार, 28 अप्रैल 2021
छाती और गले की बीमारी का इलाज
गले में किनती भी ख़राब से ख़राब बीमारी हो, कोई भी इन्फेक्शन हो,इसका सबसे अच्छा उपचार है हल्दी । जैसे गले में दर्द है, खरास है , गले में खासी है, गले में कफ जमा है, गले में टोनसीलाईटिस हो गया ; ये सब बिमारी में आधा चम्मच कच्ची हल्दी का रस मुह खोल कर मुंह में डाल देना , और फिर थोड़ी देर चुप होके बैठ जाना तो ये हल्दी लार के साथ गले में नीचे उतर जाए ; और एक खुराक में ही सब बीमारी ठीक होगी दुबारा डालने की जरुरत नही । ये छोटे बच्चो को तो जरुर करना चाहिए; बच्चों को टोन्सिल जब बहुत तकलीफ देती है न तो हम ऑपरेशन करवा के उनको कटवाते है ; लेकिन हल्दी खिलाने से वो करने की जरुरत नही है हल्दी से सब ठीक हो जाए गा ।
गले और छाती से जुडी कुछ बीमारिया है जैसे खासी, इसका एक इलाज तो कच्ची हल्दी का रस है जो गले में डालने से तुरंत ही ठीक हो जाता है चाहे कितनी भी जोर की खासी हो । दूसरी दावा है अदरक , ये जो अदरक है इसका छोटा सा टुकड़ा मुह में रखलो और चॉकलेट की तरह चुसो खासी अत्यंत बंध हो जाएगी । अगर किसीको खासते खासते चेहरा लाल पड़ गया हो तो अदरक का रस ले लो और उसमे थोड़ा पान का रस मिला लो और उसमे थोड़ा गुड़ या शहद । अब इसको थोडा गरम करके पी लेना तो जिसको खासते खासते चेहरा लाल पड़ा है उसकी खासी एक मिनट में बंध हो जाएगी । और एक उपचार है , अनार का रस गर्म करके पियो तो खासी तुरन्त ठीक होती है । काली मिर्च को मुंह में रख के चबा चबा कर खा लो , और उसके बाद गर्म पानी पी लो तो खासी बंध हो जाएगी, काली मिर्च को चुसो तो भी खासी बंद हो जाती है ।
छाती की कुछ बिमारिया जैसे दमा, अस्थमा, ब्रोंकिओल अस्थमा, इन तीनो बीमारी का सबसे अच्छा उपचार है गौ मूत्र ; आधा कप गोमूत्र पियो सुबह का ताजा ताजा तो दमा ठीक होता है, अस्थमा ठीक होता है, ब्रोंकिओल अस्थमा ठीक होता है । और गोमूत्र पिने से टीबी भी ठीक हो जाता है , लगातार 5-6 महीने पीना पड़ता है, दमा और अस्थमा की एक और अच्छी दवा है वह है दालचीनी, इसका पाउडर को सुबह खाली पेट आधा चम्मच गुड या शहद के साथ लेने से दमा अस्थमा जल्द ही ठीक हो जाता है।
यह पोस्ट सिर्फ जानकारी के लिए है,इस प्रयोग को करने से पहले अपने चिकत्सक से सलाह जरूर लें।












